समर्पण''
घनघोर शुष्क सन्नाटे कोसौंपती हूँअपनी मर्मभेदी आवाज़ें।इंद्रधनुष को एक औरआसमानी, संवेदी रंग।जीवन को सौंपती हूँअधूरी मंत्रणाओं की परिक्रमा।संवेदनाओं कोआँखों की तरलता।अभिलाषाओं को समर्पित हैप्राण-प्रतिष्ठित मंत्र।लगातार गाढ़े होते दुखको अतुलनीय मुस्कान।कविता को सौंपती हूँअब तक कमाए भावों की भाप।प्रेम को सौंपती हूँअपना संचित दर्शन।थकी हुई पगडंडियों कोलौटते पाँवों का आश्वासन।सरसराती हवाओं कोनिश्चयों की खुशबू।मौत को अब तक बचा कर रखीधवल प्रकाशित आत्मा।भूत, भविष्य, वर्तमान,सभी को समर्पित हैं मेरे ये भाव-पुंज।
घनघोर शुष्क सन्नाटे कोसौंपती हूँअपनी मर्मभेदी आवाज़ें।इंद्रधनुष को एक औरआसमानी, संवेदी रंग।जीवन को सौंपती हूँअधूरी मंत्रणाओं की परिक्रमा।संवेदनाओं कोआँखों की तरलता।अभिलाषाओं को समर्पित हैप्राण-प्रतिष्ठित मंत्र।लगातार गाढ़े होते दुखको अतुलनीय मुस्कान।कविता को सौंपती हूँअब तक कमाए भावों की भाप।प्रेम को सौंपती हूँअपना संचित दर्शन।थकी हुई पगडंडियों कोलौटते पाँवों का आश्वासन।सरसराती हवाओं कोनिश्चयों की खुशबू।मौत को अब तक बचा कर रखीधवल प्रकाशित आत्मा।भूत, भविष्य, वर्तमान,सभी को समर्पित हैं मेरे ये भाव-पुंज।
allahabad ki mitti hi aisi hai yahan ki kan kan mein sahity basa hai.
ReplyDeletesundar shabdo mein bhavo ko bandha hai aapne har jagah har kavy har lekh mein yakinan kabil-e-tariif .
gyan,darshan, prakriti saundray har bhaav ko sameta hua hai
bandhaii swikaren