Thursday, September 17, 2009


कल्पना''
कल्पना ईश्वर की दी हुई एक अद्भुत शक्ति हैजिससे एक अंधादुनिया की खूबसूरती देख सकता हैगूंगा मधुर गीत गा सकता हैबहरा सरगम के सुर सुन सकता हैघर बैठा इंसान दुनिया की सैर कर सकता हैकल्पना ले जाती है हमें सागर की गहराई मेंकभी ऊँचे आसमान मेंकभी पहाड़ों में, कभी घाटियों मेंकभी झील तो कभी नदी के किनारे यह प्रेरित करती हैकवि को कविताएँ लिखने के लिएचित्रकार को चित्र बनाने के लिएमूर्तिकार को मूर्ति बनाने के लिएसंगीतकार कोई नई धुन बनाने के लिएइसका हाथ थामे हम चाँद पेपहुँच गए तो क्या हमउस तक नही पहुँच सकतेजिसने हमें यह शक्ति दी है''

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