Thursday, September 17, 2009


मेरी कहानी ''
मेरी कहानी तुम नहीं आओगे,तुम नहीं सुनोगे,ये कहानी जो मैंने लिखी हैपानी की सतह पर,लहरों की चपलता पर,ढलते सूरज की सुनहरी धूप पर,भुल से कभी जो किनारे पर आओऔर मेरी आँखों का समुंदर देखो,और उसमें दूर तक क्षितिज को ढूँढ़ो,तो रेत में दबे शंख को निकाल लेना,उसमें जब लहरों का शोर सुनोगे,तो मेरी कहानी तुम तकअथाह अनंत से बहती हुईसृष्टी के हर कण में मिल जाएगी।

No comments:

Post a Comment