सर्वशक्तिमान''
मेरे जीवन में अचानक खुला तुम एक ऐसा पृष्ठ हो दीप!जो हजारों सोपानों! से भी अधिक मूर्तिमान है,तुम ना तो बीता कल हो, ना आने वाला कल हो,तुम सिर्फ एक सशक्त वर्तमान! मेरी आत्मा से प्रस्फ्हुटित'वैदिक रिचांवो सा पवित्र, मेरे अस्तित्व की नयी पह्चान'अपरिमारित होकर भी एक अनन्य सत्य की भांति मेरे प्राण की संजीवनी !!!सर्वशक्तिमान''......
मेरे जीवन में अचानक खुला तुम एक ऐसा पृष्ठ हो दीप!जो हजारों सोपानों! से भी अधिक मूर्तिमान है,तुम ना तो बीता कल हो, ना आने वाला कल हो,तुम सिर्फ एक सशक्त वर्तमान! मेरी आत्मा से प्रस्फ्हुटित'वैदिक रिचांवो सा पवित्र, मेरे अस्तित्व की नयी पह्चान'अपरिमारित होकर भी एक अनन्य सत्य की भांति मेरे प्राण की संजीवनी !!!सर्वशक्तिमान''......
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